मैं और मेरा स्कूटर
चालीस की रफ़्तार पर
निकल पड़े हैं कैमरा लिए
गीली सी सड़क पर
कभी मैं इसको कहीं ले जाता,
कभी ये हेंडल मुझे नचाता
तस्वीरो को लेने रुकते हम
हर राह नयी... हर नयी डगर..
मानसून भी आसमान से
कह रहा देखो साथ हूँ मैं भी .
बरसात लिए चला जो संग वो
रंगीन हो गया और सफ़र..
मैं और मेरा स्कूटर
चालीस की रफ़्तार पर
निकल पड़े हैं कैमरा लिए
गीली सी सड़क पर
...सचिन्द्र कुमार...
चालीस की रफ़्तार पर
निकल पड़े हैं कैमरा लिए
गीली सी सड़क पर
कभी मैं इसको कहीं ले जाता,
कभी ये हेंडल मुझे नचाता
तस्वीरो को लेने रुकते हम
हर राह नयी... हर नयी डगर..
मानसून भी आसमान से
कह रहा देखो साथ हूँ मैं भी .
बरसात लिए चला जो संग वो
रंगीन हो गया और सफ़र..
मैं और मेरा स्कूटर
चालीस की रफ़्तार पर
निकल पड़े हैं कैमरा लिए
गीली सी सड़क पर
...सचिन्द्र कुमार...
No comments:
Post a Comment