पिछली पोस्ट :- तेरे जाने पर - भाग 2
एक सुकून की लहर सी है
उम्मीद है जो सोचा है... वैसा ही हो..
पूरे सप्ताह था हमें इंतज़ार ..
मिलना जो तय था अब के शुक्रवार..
हमने दुआएं मांगी है की कुछ ऐसा हो..
अब के जो हो तो.. ना मिलना पल दो पल का हो ..
एक ख्वाब लिए चलता हूँ उस तरफ, के मिलने के बाद..
जो हाल कल तक इधर था ..
वो हाल कल से उधर हो..
सचिन्द्र कुमार..
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