Thursday 5 July 2012

तेरे जाने पर - भाग ४

पहले पढ़े : तेरे जाने पर- भाग 3

लौट रहा था मिलकर तुमसे..
शायद तुमने ही बोला होगा,
इसलिए .. रास्तो ने छेड़ी है..
फिर से कब आने वाली बात..

एक ख्वाब लिए निकला था*
एक ख्वाब लिए हूँ वापस आया,
अच्छा है..या यार बुरा है..
समझ अभी तक नहीं हूँ पाया
हमने ना जाने कितनी बार, ये देखा है हर रात,

हर बार मेरे हाथो में..है आया तेरा हाथ,
हर बार है छूटा मेरे..हाथो से तेरा हाथ.

...सचिन्द्र कुमार

No comments: