इन पंक्तियों का सार है कि ...ज़िन्दगी हमेशा चलती रहती है , किसी के होने या ना होने से ये रूकती नहीं... आप किसी के साथ हो या कोई अपना छोड़ गया हो॥ समय हमें सिखा देता है कि आगे कैसे बढ़ना है.. थोडा शायराना लहजे में पढने की कोशिश करें.
कोई होता ना दिले आशियाँ मे तो क्या होता,
कोई रहता ना ख्वाबों के मकाँ मे तो क्या होता...
नहीं जी पाते हैं जुदा होकर , बात कहने की है,
नहीं जी पाते हैं जुदा होकर , बात कहने की है,
आज दिल फिर टूट जाता तो क्या होता...
ख्वाहिशें दिल की दिल मे रह जाती है,
हसरतें पूरी ना हो तो ये सताती हैं ॥
सफ़र मे हमसफ़र बन जाए कोई , ये बाते रोज़ नहीं होती,
सफ़र मे हमसफ़र बन जाए कोई , ये बाते रोज़ नहीं होती
कोई हमसफ़र बन के साथ छोड़ देता तो क्या होता।
कोई होता ना दिले आशियाँ मे तो क्या होता,
कोई रहता ना ख़्वाबों के मकाँ मे तो क्या होता.......
कोई होता ना दिले आशियाँ मे तो क्या होता,
कोई रहता ना ख्वाबों के मकाँ मे तो क्या होता...
नहीं जी पाते हैं जुदा होकर , बात कहने की है,
नहीं जी पाते हैं जुदा होकर , बात कहने की है,
आज दिल फिर टूट जाता तो क्या होता...
ख्वाहिशें दिल की दिल मे रह जाती है,
हसरतें पूरी ना हो तो ये सताती हैं ॥
सफ़र मे हमसफ़र बन जाए कोई , ये बाते रोज़ नहीं होती,
सफ़र मे हमसफ़र बन जाए कोई , ये बाते रोज़ नहीं होती
कोई हमसफ़र बन के साथ छोड़ देता तो क्या होता।
कोई होता ना दिले आशियाँ मे तो क्या होता,
कोई रहता ना ख़्वाबों के मकाँ मे तो क्या होता.......
3 comments:
प्यारों,
Sachindra's Thoughts सुच्चा ऐ जी।
कुछ कमतर ना है भाई
बुल्लेशाह दे कलाम से..
ज्यूंदा रे पुत्तरां,
लिखे जा, बेसी बेसी
खरी खरी
लिखे जा...
जैजै
kya baat hai sachin , tum to kavita bhi karne lage.GOOD
धन्यवाद् मामाश्री ....
Post a Comment