Friday, 1 June 2012

तेरे दामन से लिपटे हैं..
मेरे जीवन के दो पहलू ..
आज भी दिल ये चाहता है,
तुझे पा लू, तुझे छू लू ...

नहीं ये बात एक दो बात की,
जो यूँ ही भुला दे हम..
हजारो याद हैं उनमे,
क्या रखूँ याद क्या भूलू...

तेरे दामन से लिपटे हैं..
मेरे जीवन के दो पहलू ..
आज भी दिल ये चाहता है,
तुझे पा लू, तुझे छू लू
...

....सचिन्द्र कुमार

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