कभी पैसा मिलता है तो किसी का साथ नही मिलता
कभी साथ मिलता है तो..साथ चलने के लिए पैसा नही मिलता
दोनो एक साथ हो ...कुछ वक्त ऐसा नही मिलता
ये वक्त का पत्थर है ...सिर्फ़ सोचते रहने से हिलाय नही हिलता ...
दुःख अगर सामने है .. तो सुख वही कहीं पीछे होगा
वक्त कितना ख़राब हो...वक्त है आख़िर ज्यादा देर नही टिकता .
सुख और दुःख मैं बस अन्तर इतना है..
की अगर कोशिश न हो तो..सुख ढूंढे से भी नही मिलता
जरूरत क्या है ...ये पता होना जरूरी है
अगर परवाह नही तो तो ग़लत आप है...
प्यार या पैसा ..फ़ैसला आपका है
वैसे कमी किसी की भी हो ...तमन्ना तो दोनों के बिना अधूरी है..
कहने को तो कहते है सिर्फ़ प्यार बहुत है जीने के लिए ...
पर अगर पजामा फटा हो तो...तो सिर्फ़ प्यार से तो नही सिलता ...
दोनो एक साथ हो ...कुछ वक्त ऐसा नही मिलता
ये वक्त का पत्थर है ...सिर्फ़ सोचते रहने से हिलाय नही हिलता ..
सचिन्द्र कुमार